The Lost One
उसी ख्वाब के दरिया में
एक मैं रहूं,
एक तुम रहो,
और ठहर जाए ये समा।
तेरी आंखों की मस्ती का
एहसास मेहसूस होता है।
तेरी आवाज़ का ये नशा
जो हर पल रूबरू होता है।
तुझसे मिलने को तड़पे है हम
एक एक पल भी साल मेहसूस होता है।
अब क्या करें हम
के अब मिल नहीं सकते
अब जो हो गए जुदा
एक साथ खिल नहीं सकते।
तेरी यादों के दर्मियां
एक दर्द सा मेहसूस होता है।
चलो अब तो छोड़ दिया तुमने,
पर समझते,
दर्द हमें भी मेहसूस होता है।
अब तो तुम्हारी कमी
से उभर चुके हैं हम
पर किसी से दूर जाने में भी
दिल कंजूस होता है
ज़रा सोच लिया होता तुमने,
दर्द हमें भी मेहसूस होता है।
तुम्हारी हरकतों पर दिल कुर्बान होता है
तुम्हारी मुस्कान पर दिल चूर होता है
यूं तो चले गए हो तुम
अब हारकर दिल से कुबूल होता है।
कभी सोच लिया होता तुमने
दर्द हमें भी मेहसूस होता है।
हमें मालूम है
कुछ ना कुछ वजह होगी
हमसे बिछड़ने के लिए
तुम्हारा दिल भी मजबूर होता है।
पर इस मजबूरी को जान के भी
दर्द मेहसूस होता है।
अब सोचता हूं क्या
रह गया इस दुनिया में अब,
बिन तुम्हारे दिल चूर होता है।
लेकिन याद आते हैं वो लम्हे जो बिताए तुम्हारे संग,
सब इसी दिल में महफूज होता है,
चलो माफ किया हमने तुमको,
माफ करके भी दर्द मेहसूस होता है।
यूं तो चले गए हो तुम,
पर इस दिल में दर्द मेहसूस होता है।
द्वारा: प्रारब्ध पाठक
पहली हिन्दी कविता।
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aapki iss kavita ke liye dhanyavaad. isse bahut madad mili. You are doing great!!
ReplyDeleteAppka bahut bahut dhanyavad. I hope to listen from you again. Keep visiting!
DeleteBrilliant! Thank You for such an emotional poem.
ReplyDeleteThank you so much for your valuable suggestion.
DeleteNice. I just loved it. Brought back my memories.
ReplyDeleteThank you so much. I am very happy to know that someone got so much into the feel of this poem. Thank you.
DeleteI don't have anything to say just loved it .. it's really amazing ��✌️
ReplyDeleteThank you so much!!! It means a lot!��
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